आयुष्य मन्दिरम् दो वैदिक शब्दों का अद्भुत मेल है। ‘आयुष्य’ का अर्थ है-जीवनीशक्ति, दीर्घायु देने वाला और ‘मन्दिरम्’ का अर्थ है-पवित्र स्थल। यानी पारम्परिक चिकित्सा विधियों (जिनमें ईश्वर का ध्यान, स्मरण या चिंतन शामिल है) द्वारा जन मानस को आरोग्य लाभ प्रदान करने वाला सकारात्मक उर्जा स्थल। आयुष्य मन्दिरम् का आदर्श-वाक्य है: ‘ॐ आरोग्यम् – ॐ आनन्दम्’ ।
आयुष्य मन्दिरम् का नामांकरण वर्ष 2014 में अंतर्राष्ट्रीय जूना अखाडा के महामण्डलेश्वर स्वामी रामशरण गिरी जी के मुखारविंद से हुआ। वर्ष 2018 में शिष्य जयप्रकाशानन्द ने भारत की राजधानी दिल्ली से सटे हुए हरियाणा प्रांत में संस्था का पंजीकरण कराया गया।
आयुष्य मन्दिरम् एक गैर-लाभकारी (a not-profit) संस्थान है जिसका लक्ष्य एवं उद्देश्य वैदिक ऋषियों-मुनियों से प्राप्त पारम्परिक चिकित्सा ज्ञान जैसे योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, एक्युप्रेशर आदि का विश्वभर में प्रचार-प्रसार करना तथा सभी प्रकार बीमारियों के लिए उपचार, अनुसंधान व प्रशिक्षण की सुविधाएं प्रदान करना है।